शीश जटा में गंग विराजे गले में विषधर काले भजन लिरिक्स
शीश जटा में गंग विराजे,श्लोक – ॐ नाम एक सार है,जासे मिटत कलेश,ॐ नाम में छिपे हुए है,ब्रम्हा विष्णु महेश।। शीश जटा में गंग विराजे,गले में विषधर काले,डमरू वाले ओ डमरू वाले।। तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई,अपने अंग भभूत रमाई,जो भी तेरा ध्यान लगाए,उसको सब दे डाले, डमरू वाले ओ डमरू वाले।। नित अंग पे … Read more