सातों बहना ने सोवे रे,
गुलाब गज़रो।
दोहा – इन्द्रगढ़ बीजासणा,
बरवाड़ा में चौथ,
उपरमाल में जोगणिया,
थारे हरदम जलती ज्योत।
सातों बहना ने सोवे रे,
गुलाब गज़रो,
इन्द्रगढ़ वाली ने सोवे जी,
गुलाब गज़रो,
गुलाब गज़रो जी फूलां रो गज़रो,
गुलाब गज़रो जी फूलां रो गज़रो,
राज राणी ने सोवे रे,
गुलाब गज़रो।।
माथा पे चुनरी,
ओढ़ ल्यो भवानी माँ,
माथा पे चुनरी,
ओढ़ो सातों बहना,
थांके गला बीच सोवे रे,
गुलाब गज़रो,
इन्द्रगढ़ वाली ने सोवे रे,
फूलां रो गज़रो।।
नैणा मे सुरमो,
सारो सातों बहना ये,
नैणा मे सुरमो,
सार ल्यो भवानी माँ,
नैणा मे सुरमो,
सारो राज राणी,
थांरा गला बीच सोवे लो,
गुलाब गज़रो,
राज राणी ने सोवे रे,
गुलाब गज़रो।।
हाथों मे चुड़लो,
पहरो सातों बहना,
ये हाथों मे चुड़लो,
पहरो राज राणी,
थांरा गला बीच सोवे लो,
गुलाब गज़रो,
सातों बहना ने सोवे रे,
फूलां रो गज़रो।।
कमरयां मे तगड़ी पहरो,
राज राणी ये,
कमर कणंकती पहरो,
माता राणी,
थांका हाथां बीच रे,
सोवे गुलाब गज़रो,
इन्द्रगढ़ वाली ने सोवे,
रे फूलां रो गज़रो।।
पगल्या मे पायल,
पहरो राज राणी ये,
पगल्या मे पायल पहरो,
सातों बहना,
थांरा गला बीच सोवे लो,
गुलाब गज़रो,
राज राणी ने सोवे रे,
फूलां रो गज़रो।।
सातो बहना ने सोवे रे,
गुलाब गज़रो,
इन्द्रगढ़ वाली ने सोवे जी,
गुलाब गज़रो,
गुलाब गज़रो जी फूलां रो गज़रो,
गुलाब गज़रो जी फूलां रो गज़रो,
राज राणी ने सोवे रे,
गुलाब गज़रो।।
गायक – लखन भारती जी।
प्रेषक – आशीष भारती।
9983773747